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March 20, 2012

" माँ " जैसा कोई नहीं

मेरी माँ की केवल एक आँख थी. इस वजह से में उससे नफरत करता था...वह मेरे लीए एक परेशानी थी.वह छात्रों और शिक्षको ( teacher ) के परिवार का समर्थन करती थी, मदद करती थी l

प्राथमीक वीद्यालय ( primary school ) के दौरान एक दीन मेरी माँ मुझे हैलो कहने के लिए आयी..मुझे बोहोत शर्मीदगी महसूस हुयी l वह मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है? मैंने उसे नजरअंदाज कर दीया, मैंने उसे घृणित नज़र से देखा और बाहर भाग गया l स्कूल में अगले दीन मेरे सहपाठीयो ( friends ) में से एक ने कहा, " ईईईई " तेरे माँ को केवल एक आँख है l

मैं अपने आप को दफनाना चाहता था, मुझे मेरी माँ के वजह से शर्म महसूस हो रही थी, मैंन उस दीन का सामना कीया और कहा, ' यदी आप केवल मुझे एक उपहास ( ridicule ) का पात्र बना रहे हैं, तो तुम मर क्यू नहीं जाती हो ?

मेरी माँ ने कोई जवाब नहीं दीया...और में एक पल के लीए भी चुप न रहकर बोलते चला गया, क्योंकी में काफी गुस्से में था, उस वक़्त मेंें उसकी भावनाओ से अंजान था l

में उस घर से चले जाना चाहता था, मुझे उसके साथ कुछ लेना देना नहीं था, मैंने काफी मन लगाकर पढाई की और इस दौरान मुझे पढाई करने के लीए वीदेश जाने का मौका मीला l

मैंने शादी कर ली और अपना खुद का एक घर खरीद लीया, फीर कुछ वक़्त के बाद बच्चे भी हुए, मैं मेरे जीवन में मेरे बच्चों और परीवार के साथ खुश था, फीर एक दीन मेरी माँ मुझसे मीलनेे आयी, उसने मुझे वर्षों में नहीं देखा था और वह उसके पोते से भी कभी मीली नहीं थी l

जब वो दरवाजे पर खड़ी थी, तब मेरे बच्चों को उसपर हसी आयी, और में बीन बुलाये आने पर उसपर चील्लाया, "आपकी मेरे घर आने की और मेरे बच्चों को डराने की हीम्मत कैसे हुयी ", अभी के अभी यहाँ से चली जाओ !

और इस बात पर मेरी माँ ने धीमे से जवाब दीया, 'ओह, मैं बहुत माफी चाहती हूँ. मैं गलत पते पर आ गयी शायद, और वो चुपचाप चली गयी l

एक दीन, एक वीद्यालय के छात्रों के पुनर्मीलन ( school reunion ) के बारे में पत्र मेरे घर आया. तो मैं अपनी पत्नी से झूठ बोला की मैं एक व्यापार यात्रा ( business trip ) पर जा रहा हु...

पुनर्मीलन ( school reunion ) के बाद में जीग्यासा हेतु ( curiosity ) एक पुराने झोपड़े में गया
मेरे पडोसी ने कहा की वो मर गयी, मैंने एक भी आंसू नहीं बहाया, पडोसी ने मेरे हाथ में एक पत्र थमाया जो माँ मुझे देना चाहती थी उसमे लीखा था...


मेरे प्यारे बेटे,


मैं हर वक़्त तुम्हारे बारे मे सोचती हू , मैं माफी चाहती हूँ के में तुम्हारे घर आयी और बच्चों को डरा दीया.
मैं बहुत खुश थी जब मैंने सुना की तुम पुनर्मिलन के लिए आ रहे हो. लेकीन मैं भी बिस्तर से बाहर नीकलकर तुमसे मीलने मे सक्षम नहीं थी. मैं माफी चाहती हूँ की मैने आप को लगातार परेशान कीया, आपको शरमीनदा कीया जब आप आगे बढ़ रहे थे l


देखो.......जब तुम बहुत छोटे थे, तब एक दूर्घटना ( accident )हुयी थी , उस दूर्घटना मे तुम्हारी आँख चली गयी, एक माँ के नाते मैं तुम्हे एक आँख के साथ बढ़ता बर्दाश्त नहीं कर सकती थी. तो मैने तुम्हे मेरी एक आँख दी l


में बोहोत खुश थी मेरा बेटा मेरी आँखों से एक नयी दुनीया देख रहा था l
मेरा प्यार हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा....


तुम्हारी माँ

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